ऐ मुहब्बत तेरी दास्तान के झूठ - The Indic Lyrics Database

ऐ मुहब्बत तेरी दास्तान के झूठ

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अनुराधा पौडवाल, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - कर्मा | वर्ष - 1986

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ऐ मुहब्बत -२
ओय ओय -२
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए
मैं हूँ तैयार हर इम्तेहां के लिए
जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के ...इक शोला हूँ मैं इक बिजली हूँ मैं
आग रखकर हथेली पे निकली हूँ मैं
दुश्मनो.म के हर एक आशियाँ के लिए
जान बुलबुल की है ...ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं
सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं
मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए
जान बुलबुल की है ...हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिएमेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए