जरा थाहरो जी अब्दुल गफ्फार रुमाल मेरा ले के जाना - The Indic Lyrics Database

जरा थाहरो जी अब्दुल गफ्फार रुमाल मेरा ले के जाना

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - सट्टा बाजार | वर्ष - 1959

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सु : ज़रा ठहरो जी अब्दुल गफ़्फ़ार
रुमाल मेरा ले के जाना
र : ओ गोरी हमको भी तुमसे है प्यार
रुमाल हमें दे के जाना
तेरे चाहने वाले हैं हज़ार
रुमाल हमें दे के जानासु : रेशम के टुकड़े पे दुनिया दीवानी
इस पर लिखी है दिलों की कहानी
र : पागल है तुम पर ये बदनाम जानी
माँगे मोहब्बत की तुमसे निशानी
सु : कुछ दिन करो इंतज़ार
रुमाल मेरा ले के ...र : उल्फ़त के चक्कर में हम फँस रहा है
रोता नहीं देख हम हँस रहा है
बीमार-ए-उल्फ़त हूँ दिल खो गया है
अपने को जाने ये क्या हो गया है
सु : तुम्हें आता है ठंडा बुखार
रुमाल मेरा ले के ...दर्द-ए-मोहब्बत की इसमें दवा है
जिसको सुँघा दूँ वो अन्धा हुआ है
र : घबरा ना बुलबुल हम आए छुड़ाने
दुनिया के पिंजरे से तुझको उड़ाने
सु : सुन लो ये दिल की पुकार
रुमाल मेरा ले के ...