नज़रों के मिलाने से होती है क्यूं हलचल - The Indic Lyrics Database

नज़रों के मिलाने से होती है क्यूं हलचल

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - विश्वविधाता | वर्ष - 1997

View in Roman

नज़रों के मिलने से होती है क्यूँ हलचलहम नहीं खो जाएं छोटा सा है ये दिलरात में पूनम का चंद्रमा हो जैसेप्यार में मुझको भी लगते हो तुम वैसेझिलमिल सितारों से आसमाँ खिलता हैप्यार की बहारों से दिल मेरा खिलता हैसागर से मिलने को मचले है ज्यूँ नदियासाजन से मिलने को चमके मेरी बिंदियाभँवरों की चाहत में मदहोश हैं कलियाँतुम से महकती हैं मेरे दिल की गलियाँ