प्रेम की हो जय जय जीवान है अब सुखामय: - The Indic Lyrics Database

प्रेम की हो जय जय जीवान है अब सुखामय:

गीतकार - आगा हशरा कश्मीरी | गायक - उमा शशि, के एल सहगल, पहाड़ी सान्याल | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - चंडीदास | वर्ष - 1934

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( प्रेम की हो जय-जय
जीवन है अब सुखमय
भाग ओ आओ जग खोया गन पाया ) -२( आशा के फूल खिले
हिरदय से हिरदय मिले ) -२
एक है प्रान दो काया -२उ : ( ब्योग की रात की भोर भई फिर
सुर्य ने दीप दिखाया ) -२मिलन का शुभ दिन आया -२( प्रेम ने मन की गंगा-जमुना को
सुख-संगम पे मिलाया ) -२
( धन्य-धन्य वो रचना जिसने
प्रेम का नित गुन गाया ) -२प्रेम की हो जय-जय
जीवन है अब सुखमय
भाग ओ आओ जग खोया गन पाया