कभी आज कभी कल कभी परसों - The Indic Lyrics Database

कभी आज कभी कल कभी परसों

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, सुमन कल्याणपुर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - चांद | वर्ष - 1959

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(कभी आज कभी कल कभी परसों ऐसे ही बीते बरसों
हमारी सुनते ही नहीं साजना देखोजी सुनते ही नहीं साजना)
-३सु : डाल पे फूल और फूलों पे भँवरे दिन भर सौ सौ खेल करें
ल : डाल पे फूल और फूलों पे भँवरे दिन भर सौ सौ खेल करें
तड़पें तरसें हम हीं अकेले छुप छुप ठंडी आह भरें
दो : बीती जाय देखो हाय ये जवानी, ये दिलों की कहानी
हमारी सुनते ही नहीं साजना देखोजी सुनते ही नहीं साजना
कभी आज कभी कल ...सु : जबसे गये पर्देस पिया मेरी नींद भी उनके साथ गई
ल : जबसे गये पर्देस पिया मेरी नींद भी उनके साथ गई
जैसे तैसे ग़ुज़र गया दिन पर मुश्क़िल से रात गई
दो : सौ सौ बार हमने प्यार से पुकारा, ये दिल है तुम्हारा
हमारी सुनते ही नहीं साजना देखोजी सुनते ही नहीं साजना
कभी आज कभी कल ...सु : तुमने पिया जी मेरा दिल तो लिया जि पर प्यार के वादे भूल चले
ल : तुमने पिया जी मेरा दिल तो लिया जि पर प्यार के वादे भूल चले
कब से प्यासी हमारी आँखें अब तो मिल जा चाँद तले
दो : कैसे हाय सही जाय ये जुदाई, फिरुँ मैं शरमाई
हमारी सुनते ही नहीं साजना देखोजी सुनते ही नहीं साजना
कभी आज कभी कल ...