सूबह सुबह मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ - The Indic Lyrics Database

सूबह सुबह मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ

गीतकार - ऋतुपर्णो घोष | गायक - शुभा मुदगल | संगीत - देबज्योति मिश्रा | फ़िल्म - रेनकोट | वर्ष - 2004

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सुबह-सुबह, सुबह-सुबहसुबह-सुबह का ख्याल आज
वापस गोकुल चले मथुरा राज
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ
मनोहर वेष छोड़ नंदराज
सर से उतारके सुंदर ताज
राज दंड छोड़ भूमि पर वाज
फिर काहे बाँसुरी बजाओ
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ -२कौन सा अनोखा गीत गाहे पिक कूल
राज पाठ जैसे आज भयी धूल
कौन सा अनोखा गीत गाहे पिक कूल
बिरहन लागी फिर हृदय भूल
राज-काज मन ना लगाओ
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ -२पुर नारी सारी व्याकुल नयन
कुसुम सज्जा लगे कंटक शयन
पुर नारी सारी व्याकुल नयन
रात भर माधव जागत बेचैन
काहे आधी रात सारथी बुलाओ
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओधीरे-धीरे पहुँचत जमुना के तीर
सुनसान पनघट मृदुल समीर
धीरे-धीरे पहुँचत जमुना के तीर
खन-खन माधव बिरह मंजीर
उसे काहे भूल न पाओ
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ -२तुम्हरी प्रिया अब पूरी घरवाली
दूध नवन घिवु दिन भर खाली
बिरहा के आँसू कब के, हो, कब के पोंछ डाली
फिर काहे दर्द जगाओ
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ