दिल में तू आंखों में तुउ - The Indic Lyrics Database

दिल में तू आंखों में तुउ

गीतकार - कमाल अमरोही | गायक - मेनका | संगीत - मीर साहब | फ़िल्म - पुकार | वर्ष - 1939

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दिल में तू, आँखों में तू, साँसों में तू
लब पे तू, ख़यालों में तू, ख़ाबों में तू
दिल में तू, आँखों में तू, साँसों में तूकिस बात की अंगड़ाइयाँ
लेते हुये जलवों में तू
दोपहर के जगमगाते -२
आतिशीं शोलों में तू
भीनी-भीनी शाम के -२
अनगिनत तारों में तू
रात की मोती भरी -२
घनघोर सी ज़ुल्फ़ों में तू
दिल में तू, आँखों में तू, साँसों में तूआँधियों की रौ में बैठ
खाते हुये जो काम का
बारिशों की जगमगाती -२
अनगिनत लड़ियों में तू
नूर से धोये हुये -२
महताब के चेहरे में तू
( आग से दहके हुये
सूरज के रुख़सारों में तू ) -२
दिल में तू, आँखों में तू, साँसों में तू
लब पे तू, ख़यालों में तू, ख़ाबों में तू
दिल में तू, आँखों में तू, साँसों में तू