शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा - The Indic Lyrics Database

शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - पड़ोसन | वर्ष - 1968

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शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा
अब हमें आपके कदमों ही रहना होगा
आप से रूठ के हम जितना जिये खांक जिये
कई इल्ज़ाम लिये और कई इल्ज़ाम दिये
आज के बाद मगर कुछ भी ना कहना होगा
देर के बाद ये समझे है मोहब्बत क्या है
अब हमें चाँद के झूमर की ज़रूरत क्या है
प्यार से बढ़के भला कौनसा गहना होगा
आप के प्यार का बीमार हमारा दिल है
आप के ग़म का खरीदार हमारा दिल है
आप को अपना कोई दर्द ना सहना होगा