मोहब्बत अब तिजारत बन गई है - The Indic Lyrics Database

मोहब्बत अब तिजारत बन गई है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अनवर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - अर्पण | वर्ष - 1983

View in Roman

मोहब्बत अब तिजारत बन गयी है
तिजारत अब मोहब्बत बन गयी है
किसी से खेलना फिर छोड़ देना
खिलौनों की तरह दिल तोड़ देना
हसीनों की ये आदत बन गयी है
कभी था नाम इस का बेवफ़ाई
मगर अब आज कल ये बेहयाई
शरीफों की शराफ़त बन गयी है
किसी मंदिर की मूरत थी कभी ये
बड़ी ही खूबसूरत थी कभी ये
मगर क्या इस की सूरत बन गयी है