भगवान तेरी दुनिया मन इंसां नहीं हैं - The Indic Lyrics Database

भगवान तेरी दुनिया मन इंसां नहीं हैं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - रेल का डिब्बा | वर्ष - 1953

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भगवान तेरी दुनिया में इन्सान नहीं हैं
मस्जिद भी है मन्दिर भी है ईमान नहीं हैं
भगवान तेरी दुनिया में ...आपस में यहाँ फूट है दिल सबके जुदा हैं
दौलत जिनको मिल जाए वही लोग ख़ुदा हैं
इतना भी नहीं सोचते हम कौन हैं क्या हैं
इन्सान को इन्सान की पहचान नहीं है
भगवान तेरी दुनिया में ...तू चाहे तो हर मौज को तूफ़ान बना दे
सच्चा है तो बिगड़े हुए ईमान बना दे
इन ख़ाक़ के पुतलों को फिर इन्सान बना दे
वरना मैं समझूँगी तू भगवान नहीं है
भगवान तेरी दुनिया में ...