मोती जैसा रंग आंग में रस का सागर लहाराए - The Indic Lyrics Database

मोती जैसा रंग आंग में रस का सागर लहाराए

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - आँसू और मुस्कान | वर्ष - 1970

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( मोती जैसा रंग अंग में ) -२ रस का सागर लहराए
तेरे रूप की आँच लगे तो पत्थर दिल भी पिघल जाए
मोती जैसा रंग ...नैनों में है तेरे जैसे किरनों का बसेरा
निखरा तेरा यौवन जैसा बिखरा हो सवेरा
सूरज तेरे दर्शन को हर दिन आए-जाए
मोती जैसा रंग ...होगा वो भी सुन्दर जिसपे होगी तेरी छाया
होगा वो भी मोहित जिसने तुझको है बनाया
जीवन कर दे रोशन तू जो मुस्कराए
मोती जैसा रंग ...