औसर बितो जात प्राणी तेरो - The Indic Lyrics Database

औसर बितो जात प्राणी तेरो

गीतकार - | गायक - के एल सहगल | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - पूरन भगत | वर्ष - 1933

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हाँ
औसर बीतो जात प्रानी तेरो -३
औसर बीतो जात
हाँ
इस काल की हेरा-फेरी में -३
तेरो औसर बीतो जातसाठ मिन्ट गुज़रे गया घंटा -२
चौबीस में दिन-रात
पल-पल कर के तीन होत है -२
इक आवत इक जात प्रानी तेरो -२औसर बीतो जात
हाँ
इस काल की हेरा-फेरी में
तेरो औसर बीतो जातखेर कुबील कर बरस होत है -२
रितु-रितु में दोऊ मास
मास-मास में तीस दिवस है -२
गई सन्ध्या आई रात प्रानी तेरो -४औसर बीतो जात
हाँ
इस काल की हेरा-फेरी में
तेरो औसर बीतो जात( बालकपन गया खेल गया खेल-कूद में
जौबन जुबती साथ ) -२
ब्रिद्ध भयो कछु बन नहीं आवे -२
सौंपत तेरा हाथ प्रानी तेरोऔसर बीतो जात
हाँ
इस काल की हेरा-फेरी में
तेरो औसर बीतो जात