गीतकार - मोती | गायक - एस एल पुरी, ललिता देवूलकर, पी चंदर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नदिया के परी | वर्ष - 1948
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आ
आ
होय कठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा -२
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
अहा अहा हा -४( नदिया किनारे तोरी
अंखियाँ से अंखियाँ मोरी ) -२
मिली हो सँवरिया
नय्या लिये जाये तोहे -२
कछु न सुहाय मोहे
तरसे नजरिया हो तरसे नजरिया
राम जी लगइन पार हो राम जी लगइन पार
ओ हो होकठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा -२
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
अहा अहा हा -४नदिया के पार गोरी नदिया के पार
हो नदिया के पार गोरी देखे मोहे चोरी चोरी
मारे हो नजरिया
जियरा के बीच बसे अखियाँ के बीच हँसे
गोरी की सुरतिया हो गोरी की सुरतिया
हमको है आसरा तोहार हो हमको है आसरा तोहारकठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा -२
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
अहा अहा हा -४ओ
ए हो परदेसिया मोरे मनबसिया
ए हो परदेसिया
ए हो परदेसिया मोरे मनबसिया
भूल मत जइयो -२
नदिया किनारे कभी जब याद तभी
चुपके से अइहो राजा चुपके से अइहो
आऊँगी कर के सिंगार ओ आऊँगी कर के सिंगारकठवा के नय्या बनइहे रे मलहवा
नदिया के पार दे उतार
अहा अहा हा -२
छपक छपक चले
ओ छपक छपक चले तोरी नय्या रे मलहवा
आई पुरवाइ के बहार
अहा अहा हा -४