आँखें कह गईं दिल की बात - The Indic Lyrics Database

आँखें कह गईं दिल की बात

गीतकार - सफदर 'आह' | गायक - एस डी बातीश | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1949

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आँखें तो हुई बन्द मगर, दर्द जगाये

आँखें तो हुई बन्द मगर, दर्द जगाये

दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रे

रोने लगा रे, रोने लगा रे

दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रे

दिल में दुखा ख़्वाब है, आँखों में अँधेरा

आँखों में अँधेरा

हो गया बरबाद मेरा रैन बसेरा

रैन बसेरा

अब होके जुदा दोनों, लगे हैं जा किनारे

दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रे

इश्क़ किया हुस्न की तस्वीरें बनाईं

छोड़ के तस्वीर एक, बाक़ी मिटाईं

अब जी रहा हूँ मैं, इसी तिनके के सहारे

दिल याद में किसी की ज़रा रोने लगा रे

मिलने की तमन्ना से मुझे चैन नहीं है

दिन रात मेरी प्रीत उसे ढूँढ रही है

आ जाये कहीं वो, मिल जाये कहीं वो

मिल जाये तो रखूँ उसे, पलकों में छुपाये

दिल याद में किसीकी ज़रा रोने लगा रे