ज़ुल्फ़ें उलझी हैं मेरे कंगना से - The Indic Lyrics Database

ज़ुल्फ़ें उलझी हैं मेरे कंगना से

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - रेशमी रूमाल | वर्ष - 1961

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ज़ुल्फ़ें उलझी हैं मेरे कंगना से
आके छुड़ा दे सनम हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें
हाथ मेरा ज़ालिम चूमे चली जाए
बिखरी हुई नागन सी झूमे चली जाए
तू इसे प्यार से सँवार दे सनम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें
प्रीत बनी जाए लम्बी कहानी
सुलझे नहीं उलझी चली जाए दीवानी
मैं गई हार तेरे प्यार की कसम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें
दुःख में मोरी सैय्या कब से पड़ी हूँ
तुम हो खड़े पास तो फिर सुनते नहीं क्यों
बड़ी देर से पुकारूँ ऐ सनम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें