जुबां पे दर्दभरी दास्तां चली आई - The Indic Lyrics Database

जुबां पे दर्दभरी दास्तां चली आई

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - बर्मा रोड | वर्ष - 1962

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ज़ुबां पे दर्दभरी दास्तां चली आई
बहार आने से पहले खिज़ा चली आई
खुशी की चाह में मैने उठाये रंज बड़े
मेरा नसीब के मेरे कदम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई
उदास रात है, वीरान दिल की महफ़िल है
ना हमसफ़र है कोई और ना कोई मंज़िल है
ये ज़िन्दगी मुझे लेकर कहाँ चली आई