गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - मर्यादा | वर्ष - 1971
View in Romanज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अंजान हसीना से मुलाकात की रात
हाये वो रेशमी ज़ुल्फ़ोंसे बरसता पानी
फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी
दिल में तूफान उठाते हुये, जज़बात की रात
डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बल खा के सिमटना उसका
कभी देखी न सुनी ऐसी तिलिस्मात की रात
सुर्ख आंचल को दबा कर जो निचोड़ा उसने
दिल पे जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने
आग पानी में लगाते हुये हालत की रात
मेरे नग्मों में जो बसती है वो तसवीर थी वो
नौजवानी के हसीन ख्वाब की ताबिर थी हो
आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात