ज़िंदगी यूँ हुई बसर तनहा - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तनहा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बरसात की रात | वर्ष - 1960

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ज़िंदगी यूँ हुई बसर तनहा
काफिला साथ और सफ़र तनहा
अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस कदर तनहा
रातभर बोलते हैं सन्नाटे
रात काटे कोई किधर तनहा
दिन गुज़रता नहीं है लोगों में
रात होती नहीं बसर तनहा
हमने दरवाज़े तक तो देखा था
फिर न जाने गये किधर तनहा