रुकते चलते राहों में - The Indic Lyrics Database

रुकते चलते राहों में

गीतकार - संदीप नाथ | गायक - शंकर महादेवन | संगीत - बापी-तुतुल | फ़िल्म - पैसा वसूल | वर्ष - 2003

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ओ आ आ आ
आ आ
रुकते चलते राहों में
ग़ुम हो जाते राहों में
खो के कहाँ तू जायेगा
लौट यहाँ पर आयेगायहाँ फ़ासले कम ना होंगे
जो तुम होगे तो हम ना होंगे
यही सिलसिले कभी ना रुके
चलते रहे यहाँअजब सी यहाँ की कहानी
नई सी भी है ये पुरानी
चाहत है क्या किसे है पता
मंज़िल है ये कहाँरुकते चलते राहों में
ग़ुम हो जाते राहों में
खो के कहाँ तू जायेगा
लौट यहाँ पर आयेगा