ज़िन्दगी फुलों की नहीं, फुलों की तरह महकी रहे - The Indic Lyrics Database

ज़िन्दगी फुलों की नहीं, फुलों की तरह महकी रहे

गीतकार - गुलज़ार | गायक - भूपेंद्र | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - सौतन | वर्ष - 1983

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ज़िन्दगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे
जब कोई कही गुल खिलता है
आवाज़ नहीं आती लेकिन
खुशबू की खबर आ जाती है
खुशबू महकी रहे
जब राह कही कोई मुड़ती है
मंज़िल का पता तो होता नहीं
एक राह पे राह मिल जाती है
राहें मुड़ती रहे