आंखें भी होती हैं दिल की जुबां - The Indic Lyrics Database

आंखें भी होती हैं दिल की जुबां

गीतकार - इसरार अंसारी | गायक - अभिजीत | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - हासिल | वर्ष - 2003

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आँखें भी होती हैं दिल की ज़ुबाँ -२
बिन बोले कर देती हैं हालत ये पल में बयाँ
आँखें भी होती हैं दिल की ज़ुबाँ
बिन बोले कर देती हैं हालत ये पल में बयाँ
आँखें भी होती हैं दिल की ज़ुबाँख़ामोशी भी तो प्यार में रखती बहुत ही असर है
कब इश्क़ हो जाए यहाँ दिल को कहाँ ये ख़बर है
दो दिल के ये सिलसिले छुप सके हैं कहाँ
आँखें भी होती हैं दिल की ज़ुबाँ -२हे हे हे हे हे
हा हा हा हा हा हानींद आए ना जब आँखों में बढ़ने लगे बेक़रारी
शबनम को भी छूने से जब महसूस हो चिंगारी
तो ऐसा क्यूँ लगता है एक हैं ज़मीं-आसमाँ
आँखें भी होती हैं दिल की ज़ुबाँ -२
बिन बोले कर देती हैं हालत ये पल में बयाँ -२