तुझे कसम है रुकना नहीं आओ मिल के आगाज़ करें - The Indic Lyrics Database

तुझे कसम है रुकना नहीं आओ मिल के आगाज़ करें

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, सोनू निगम | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - आगाज़ | वर्ष - 2000

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तुझे कसम है रुकना नहीं
किसी के आगे झुकना नहीं
जो कल करना है आज करें
ये जंग अगर लड़नी है तो आओ मिल के आगाज़ करें
आगाज़ करें आगाज़ करें आओ मिल के आगाज़ करें
आगाज़खामोश ज़ुबां बोझल आँखें
मुश्किल में जां सहमी साँसें
सारे चेहरे हैं डरे डरे
ज़िंदा हैं लेकिन मरे मरे
ऐसे गहरे सन्नाटे में
ऊँची अपनी आवाज़ करें
वो कौन है जो आगाज़ करे
आओ मिल के आगाज़ ...जो भीड़ में तन्हा चलता है
सबसे आगे वो निकलता है
जो कड़ी धूप में जलता है
वो ठंडी छाँव में पलता है
जो होता सच्चा अभिमानी
वो देता है हर क़ुरबानी
ये दुनिया उस पे नाज़ करे
जो बढ़कर आगे आगाज़ करे
आओ मिल के आगाज़ ...एक अकेली मौज समंदर से कैसे टकराएगी
चट्टानों से टकरा के आँधी वापस आ जाएगी
हम मिल के साथ चलेंगे तो सैलाब नया इक लाएंगे
इस आसमां को झुकाएंगे
इक साथ चलो परवाज़ करें
आओ मिल के आगाज़ ...