ख़्यालों पे मेरे छाए हुए - The Indic Lyrics Database

ख़्यालों पे मेरे छाए हुए

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - रफ़ी, आशा, शमशाद | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - दो उस्ताद | वर्ष - 1959

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ख़्यालों पे मेरे छाए हुए मालूम होते हो
नहीं आए हुए मगर आए हुए मालूम होते हो
हम पे दिल आया तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया तो बोलो क्या करोगे
तेरे रंगीं हुस्न पे मैं हो के पागल
थाम लूँगा काँपते हाथों से आँचल
हाथ न आया आँचल तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया
होगी एक दिन बेख़बर तेरी जवानी
ज़ुल्फ़ के साए में सो जाऊँगा रानी
न मिला साया तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया
होगी तेरे बिन जो सूनी मेरी रातें
ख़्वाब में तुमसे करूँगा दिल की बातें
आ, ख़्वाब न आया तो बोलो क्या करोगे
हमने तड़पाया