मैन्नु चा चढेया पगडि सम्भल जट्टा ... - The Indic Lyrics Database

मैन्नु चा चढेया पगडि सम्भल जट्टा ...

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल | संगीत - उत्तम सिंह | फ़िल्म - फर्ज़ | वर्ष - 2000

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मैनु चा चढ़ेया मैनु जा फदया गिद्दा पांणी ा मई भागड़ा तू पा अड़ेया गिद्दा पांणी ा मई भागड़ा तू पा अड़ेया मौजा कर कुड़िये कित्थे लग ही न जावे सोनी रुत ाड़िये ो की करि जानना े क्यों मरी जानना े ो की करि जानना े क्यों मरी जानना े ो की करि जानना े क्यों मरी जानना े की करि जानना े ो क्यों मरी जानना े ोे की करि जानना े क्यों मरी जानना े ऐसे ना बुजुर्गो की इज़्ज़ते उछाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
ो की करि जानना े क्यों मरी जानना े
की करि जानना े ो क्यों मरी जानना े
ऐसे ना बुजुर्गो की इज़्ज़ते उछाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय


हल चलाए तूने ोय तूने फसल उगाई
कैसे कोई ले जाएगा ये है तेरी कमाई
तोड़ गुलामी की ज़जीरे बेबस हो ना ऐसे
तू है भारत माँ का बेटा भूल गया ये कैसे
हुन नहीं अकेला अस्सी सारे तेरे नाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय

गम ना कर चमकेंगी ओय तकदीर ये तेरी मेरी
आज़ादी का उगेगा सूरज जाएगी रात अंधेरी
ये धरती तेरी है पगले इसपे तेरा राज है
सुन ोय जात्ता तेरी पगडी तेरे सर का ताज है
ओय दे दे जवाब सीधा कर ना सवाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
ो की करि जानना े क्यों मरी जानना े
ो की करि जानना े क्यों मरी जानना े
ऐसे ना बुजुर्गो की इज़्ज़ते उछाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी सम्भाल ोय
पगड़ी सम्भाल ोय जात्ता पगड़ी सम्भाल ोय.