सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीन - The Indic Lyrics Database

सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीन

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मुकेश | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मधुमती | वर्ष - 1958

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सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं (२)
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
सुहाना सफ़र ...(ये कौन हँसता है फूलों में छूप कर
बहार बेचैन है किसकी धुन पर )-(२)
कहीं गुमगुम, कहीं रुमझुम, के जैसे नाचे ज़मीं
सुहाना सफ़र ...(ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर )-(२)
प्यारे प्यारे ये नज़ारे निखरे हैं हर कहीं
सुहाना सफ़र ...हो हो हो ...
(वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर )-(२)
मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं
सुहाना सफ़र ...