ज़िंदगी है दुआ रब की अदा - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी है दुआ रब की अदा

गीतकार - समीर | गायक - श्वेता, श्रद्धा | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - सोच | वर्ष - 2002

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हँसाता है रुलाता है ये कैसा प्यार है
बनाता है मिटाता है ये कैसा प्यार है
क्यूँ जाने ना दिल ये पागल क्या है मेरी बेबसी
क्यूँ सीने में है ये हलचल क्यूँ प्यासी है मेरी जां
प प रा रा पा पा एए याई ये
प प रा रा वोख्वाब देखा जो जाग के वो ख्वाब सच हो गया
मिल गया सब तो यूँ लगा न जाने क्या खो गया
क्यूँ छाया नशा ये हरपल क्यूँ झूमे है ये ज़िंदगी
क्यूं सीने में है ...कैसी है दीवानगी कैसा ये एहसास है हाँ
दूर है दिलबर मगर लगता है के पास है
क्यूँ साँसें बनीं हैं संदल क्या मिल गई मुझको खुशी
क्यूँ सीने में है हलचल क्यूँ प्यासी है मेरी जां
हँसाता है ...