मेरी ज़िन्दगी में आते तो कुछ और बात होती - The Indic Lyrics Database

मेरी ज़िन्दगी में आते तो कुछ और बात होती

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - कन्यादान | वर्ष - 1968

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उनकी ज़ुल्फ़ें उनके चेहरे से हटा सकता नहीं
दिल की बेताबी किसी सूरत छुपा सकता नहीं
कितनी दिलकश हैं मोहब्बत की जवां मजबूरियाँ
सामने मंज़िल है और पाँव बढ़ा सकता नहीं

मेरी ज़िन्दगी में आते तो कुछ और बात होती
ये नसीब जगमगाते तो कुछ और बात होती
कई बार मिल चुकी हैं ये हसीन हसीन निगाहें
वही बेक़रारियाँ हैं ना मिली ख़ुशी का राहें
मेरे दिल से दिल मिलाते तो कुछ और बात होती
मुझे क्या गरज़ किसी से हँसे फूल या सितारे
हैं मेरी नज़र में फीके ये जवाँ जवाँ नज़ारे
अगर आप मुस्कुराते तो कुछ और बात होती
ये खुशी रहे सलामत यूँही जश्न हो सुहाना
जिसे सुन रही है दुनिया मेरे दिल का है तराना
मेरे साथ तुम भी गाते तो कुछ और बात होती