क्या करूँ क्या करूँ - The Indic Lyrics Database

क्या करूँ क्या करूँ

गीतकार - नक्षबी | गायक - तलत | संगीत - शिवराम | फ़िल्म - रफ़्तार | वर्ष - 1955

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क्या करूँ क्या करूँ
क्या करूँ सीने में हूक उठी है घबराता है दिल
लाख बहलाता हूँ बहलाया नहीं जाता है दिल
किन अन्धेरे में हो तुम इस राज़ से हो बेखबर
रोशनी होती है जब नज़रों से मिलती है नज़र
आग लग उठती है जिस दम दिल से जब टकराता है दिल
लाख बहलाता हूँ
हाय इक दिल की बदौलत लुट गयी दुनियाँ तमाम
इस तबाही में तुम्हारा किस लिये आता है नाम
दिल को तड़पाता हो तुम और मुझको तड़पाता है दिल
लाख बहलाता हूँ