फूलबगिया में बुलबुल बोले दाल पे बोले कोयलिया - The Indic Lyrics Database

फूलबगिया में बुलबुल बोले दाल पे बोले कोयलिया

गीतकार - भरत व्यास | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - रानी रूपमती | वर्ष - 1959

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ल : फुलबगिया में बुलबुल बोले, डाल पे बोले कोयलिया
प्यार करो
प्यार करो रुत प्यार की आई रे भंवरों से कहती हैं कलियाँ
हो जी हो -४र : ओ
हो जी हो -६
प्यार तो है तलवार की धार जी प्यार की मुश्किल हैं गलियाँ
प्यार में राधा बावरी बन गई रटते रटते सावलियाल :जो प्यार करते जग से न डरते प्रेमी अगन में पलते हैं
दीपक के तन में लौ की लगन में लाखों पतंगे जलते हैं
जान करे कुरबान हिरन जब गीत की बाजे बासुरियाप्यार करो
प्यार करो रुत प्यार की आई रे भंवरों से कहती हैं कलियाँर : प्यार तो है तलवार की धार जी प्यार की मुश्किल हैं गलियाँ
प्यार में राधा बावरी बन गई रटते रटते सावलियाकौन करेगा प्रीत यहाँ जब कोई किसी का मीत नहीं
प्रीत भरा संगीत नहीं तो प्यार की जग में जीत नहीं
तार बजे जब बीना के तब प्यार की बाजे पायलियाल : प्यार करो
प्यार करो रुत प्यार की आई रे भंवरों से कहती हैं कलियाँर : प्यार तो है तलवार की धार जी प्यार की मुश्किल हैं गलियाँ
प्यार में राधा बावरी बन गई रटते रटते सावलिया
ल : हो जी हो -४