सारे शहर में हंगामा है झनक झनक - The Indic Lyrics Database

सारे शहर में हंगामा है झनक झनक

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, सुनिधि चौहान, ऋचा शर्मा, केके | संगीत - आदेश श्रीवास्तव | फ़िल्म - फर्ज़ | वर्ष - 2000

View in Roman

सारे शहर में हंगामा है हंगामा
दिलों में घर में हंगामा है हंगामा
है मेरा हंगामा हंगामा है मेराझणक झणक झणक झणक बाजे ये तेरी पायलिया
झणक झणक झणक झणक बाजेमेरा अंग अंग मेरा रंग रंग सोने से भी सोणा
जो देख ले मुझे वो कहे तुझे पा के ना खोना
होंठों की आग कस्तूरी प्यास साँसों को महकाए
मेरा ख्याल उलझा सवाल रातों को बहकाए
झणक झणक ...महबूब मेरा मेरे बदन को आँखों से पिघलाए
है उसका रूप गरमी की धूप हो छू ले जल जाए
उसका नहीं है कोई जवाब उसका न कोई सानी
दिल ने मेरे तो चाहा उसी को दे दी उसको जवानी
झणक झणक ...