क्या बताऊँ मोहब्बत है क्या - The Indic Lyrics Database

क्या बताऊँ मोहब्बत है क्या

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफ़ी, लता, गीता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - परबत | वर्ष - 1952

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क्या बताऊँ मोहब्बत है क्या
सीने में रह-रह के दर्द उठ रहा है
मगर आ रहा है मज़ा
क्या बताऊँ
मौसम तो हरदम बदलते रहे हैं
अरमान दिल के मचलते रहे हैं
क्या बात है छू के आँचल मेरा
भाग जाती है पागल हवा
क्या बताऊँ
क्या बताऊँ मोहब्बत है क्या
पहले भी तूफ़ान आते रहे हैं
बस्ती दिलों की मिटाते रहे हैं
कैसा ये तूफ़ान आते ही जिसके
नया इक जहाँ बस गया
क्या बताऊँ
क्या बताऊँ
पहले भी थे चाँद-तारे गगन में
लेकिन हमेशा अँधेरा था मन में
वो मुस्कराए तो मन के अँधेरे में
जैसे दिया जल उठा
क्या बताऊँ