झूला बाहों का आज भी दो ना मुझे - The Indic Lyrics Database

झूला बाहों का आज भी दो ना मुझे

गीतकार - महबूब | गायक - साधना सरगम, श्रीनिवास, अन्य | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - डोली सजा के रखना | वर्ष - 1998

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झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे -२भैया गोद में उठाओ न आज मुझेकद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरीझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला झूला झूला झूलातू ख़ुशी तू क़रार तू बहार हैदम से तेरे ही तो घर पे निखार हैतू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार हैमैं शोर शराबा धूम करूँगी ठुमक-ठुमक नाचूँगीचंचल कोयल के जैसे मैं तो चहक-चहक जाऊँगीसारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगीहो सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो तारे फ़लक के तोड़ लाऊँगीछुप-छुप मेरी हँसी ना उड़ानाझूला बाँहों का आज भी
झूला झूला झूला झूलाझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला बाँहों का आज भीतू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार हैइक नहीं दो नहीं तीन हैं भाईतीनों जैसे मेरे सिपाहीमेरी शरारत मेरी तबाही बचा ले ख़ुदालेकिन इनका ग़ुस्सा ऐसा गड़गड़ गरजें बादल जैसाफिर बर्सायें प्यार भी वैसा ओ मेरे ख़ुदामोती हूँ मैं इन आँखों का फूल हूँ इनके बाग काझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला झूला झूला झूलाझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझेतू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार हैझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे -२
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो( तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
रंग से तेरे ही तो घर पे निखार है ) -२( झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी ) -२
झूला झूला झूला झूलामैं शोर शराबा धूम करूँगी ठुमक-ठुमक नाचूँगी
चंचल कोयल के जैसे मैं तो चहक-चहक जाऊँगी
सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो तारे फ़लक के तोड़ लाऊँगी
छुप-छुप मेरी हँसी ना उड़ानाझूला बाँहों का आज भी
झूला झूला झूला झूलाझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझेतू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
रंग से तेरे ही तो घर पे निखार हैइक नहीं दो नहीं तीन हैं भाई
तीनों जैसे मेरे सिपाही
मेरी शरारत मेरी तबाही बचा ले ख़ुदा
लेकिन इनक गुस्स ऐसा गड़गड़ गरजें बादल जैसा
फिर बर्सायें प्यार भी वैसा ओ मेरे ख़ुदा
मोती हूँ मैं इन आँखों का फूल हूँ इनके बाग काझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरीझूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे( तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
रंग से तेरे ही तो घर पे निखार है ) -२