ये हवा चलती है है दीवाना बड़ा: - The Indic Lyrics Database

ये हवा चलती है है दीवाना बड़ा:

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण, अजय देवगन, उर्मिला मातोंडकर | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - दीवाने | वर्ष - 2000

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ये हवा चलती है तो बहुत सर्दी लगती है
मैं आग जलाने की कोशिश करता हूँ
लकड़ियाँ गीली हैं
आज तो मैं पानी में भी आग लगा सकता हूँ
मुझे बाहों में ले लो खुद-ब-खुद आग लग जाएगी
नहीं
देखो मुझे तड़पाओगे ना तो मैं तुम्हें
क्या
मैं मैं तुम्हें इन दाँतों से काट खाऊंगी और तुम्हारा दिलहे हे हे हे हा हा हा हा
करूं क्या दिल तो माने ना
है दीवाना बड़ा इसे बेकरारी न दो
होश में आए ना इसे वो खुमारी न दो
मैने बरसों से इसको सीने में छुपा के रखा
बेखबर है ये ये तो जाने ना प्यार होता है क्या
चुराओ न दिल चुराओ न दिल
है दीवाना बड़ा ...
चुराओ न दिल हा हा चुराओ न दिलएह्सास ना जाने कैसा जगे
देखूं तुझे तन पिघलने लगे
आलम जिसे छू के बेताब है
मेरी मोहब्बत में वो आग है
क्यूं जलाते हो ऐसे मौसम में दर्द समझो ज़रा
बहके अरमां हैं प्यासी धड़कन है मैं करूं भी तो क्या
चुराओ न दिल चुराओ न दिलतेरी खता है ना मेरा कुसूर
ये सब तो है आशिक़ी का सुरूर
बाहों में मुझको बिखर जाने दे
हद से भी आगे गुज़र जाने दे
तेरी आँखों ने मेरी आँखों से जाने क्या कह दिया
ना स.म्भलने दे एक पल को भी है ये कैसा नशा
चुराओ न दिल चुराओ न दिल