अरे भाई मेरे ना उन्नीस से कम हो ना इक्कीस से ज़ादा - The Indic Lyrics Database

अरे भाई मेरे ना उन्नीस से कम हो ना इक्कीस से ज़ादा

गीतकार - प्रकाश मेहरा-माया गोविंद | गायक - कुमार सानू | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - दलाल | वर्ष - 1993

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अरे भाई मेरे बंधु मेरे भाई मेरे आना
ये लल्लू क्या कहता है हमको बताना
yoodlingजहाँ तक भी मेरी नजर जा रही है
ये गिनती में काहे खता खा रही है
ये उन्नीस मुझे ले के डूबेगा भय्या
और इक्कीस मुझे काहे तड़पा रही हैअरे बीच की मिण्डी किधर गई
इधर गई या उधर गई
किस खड्डे में उतर गई
जाने भी दो जिधर गई( न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज़ादा
दिवानों का ना जाने क्या है इरादा
ज़रा बात खुल के तो समझा दो भाई
मैं हूँ भोला-भाला मैं हूँ सीधा-सादा ) -२
न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज़ादा
दिवानों का ना जाने क्या है इरादाज़रा ठहरना भाई साहब
female voice: what? nonsense
अरे रे रे रे
आप तो हैं भाई साहेब
का करें हम बहुत कोन्फ़्यूज़ हूँज़रा रुकिये मेम साहब
male voice: you shut up.
माफ़ करना
आप तो हैं भाई साहेब
का करें हम बहुत कोन्फ़्यूज़ हूँ( ये कैसा गजब है जगत का अचम्भा
जिसे कील समझो निकलता है खम्भा ) -२
ये लड़की ने लड़के की पकड़ी कलाई
या लड़के ने लड़की पटाई है भाई
कोई तो बताये ये नर है या मादा -२मैं हूँ भोला-भाला मैं हूँ सीधा-सादा
न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज़ादा
दिवानों का ना जाने क्या है इरादा
ज़रा बात खुल के तो समझा दो भाई
मैं हूँ भोला-भाला मैं हूँ सीधा-सादा
न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज़ादा
दिवानों का ना जाने क्या है इरादाfemale hummingउन्नीस और इक्कीस
याने नौ में सिक्का
वाह उस्ताद क्या numberबताया
अभी लगा के आयाआ हा
गाते तो अच्छा हो गुरु
पर इस lineमें कबसे हो शुरू( अभी इस जगह पहली ही बार आये
बड़ी मिन्नतों से गये हैं बुलाये ) -२
ये गिनती के चक्कर में जबसे पड़े हैं
जहाँ से चले थे वहीं पे खड़े हैं
अकल का निकलने लगा है बुरादा -२मैं हूँ भोला-भाला मैं हूँ सीधा-सादा
न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज़ादा
दिवानों का ना जाने क्या है इरादा
ज़रा बात खुल के तो समझा दो भाई
मैं हूँ भोला-भाला मैं हूँ सीधा-सादा
न उन्नीस से कम हो न इक्कीस से ज़ादा
दिवानों का ना जाने क्या है इरादाअरे बीच की मिण्डी किधर गई
इधर गई या उधर गई
किस खड्डे में उतर गई
जाने भी दो जिधर गई