सदा हूँ अपने प्यार की - The Indic Lyrics Database

सदा हूँ अपने प्यार की

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - नूरजहां | संगीत - राशिद अत्रे | फ़िल्म - अनारकली (पाकिस्तान) | वर्ष - 1958

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सदा हूँ अपने प्यार की
जहाँ से बेनियाज़ हूं
किस्सि पे जो न खुल सके
वो ज़िन्दगी का राज़ हूँ
रचे हैं मेरे ज़मज़मे
हवाओं में घटाओं में
मेरे गले का नूर है
घुला हुआ फ़िज़ाओं में
चलूं तो एक चाँदनी
छिड़ूं तो एक साज़ हूँ
सुनें अगर मेरी सदा
तो चलते करवां रुकें
भुला के अपनी गरदशें
ये सात आसमां रुकें
में हुस्न का ग़ुरूर हूँ
में दिलबरी का राज़ हूँ$