शाम ढले जमुना किनारे - The Indic Lyrics Database

शाम ढले जमुना किनारे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मन्ना डे - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - पुष्पांजली | वर्ष - 1970

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शाम ढले जमुना किनारे, किनारे
आ जा राधे आजा तोहे श्याम पुकारे
कभी रुके, कभी चले राधा चोरी चोरी
पिया कहे आ, जिया कहे नहीं गोरी
राधा शरमाये, मनवा घबराये
पनिया भरने वो जाये ना जाये
खड़ी सोचे बृजबाला बृज में है होरी
कान्हा रंग देंगे मोहे हाय बरजोरी
लोग करेंगे ये ईशारे
आ जा राधे आजा तोहे श्याम पुकारे
कोई कहे श्याम से न बांसुरी बजाये
चैन किसीका वो चितचोर ना चुराये
डगमग डोले जिया की नैय्या
चले जब पुरवैया छेड़े बन्सी कन्हैया
जादू भरे नैना डारे नैनवा की डोरी
सोये सारा जग जागे एक चकोरी
रात कटें गिन गिन के तारें
आ जा राधे आजा तोहे श्याम पुकारे
पनघट पे सखियां, करती है बतियां
मोहन से लागी राधा की अँखियाँ
जो भी मिले यही पूछे सुन ओ किशोरी
गई कहाँ निदियाँ रे बिंदिया तोरी
राम कसम छेड़ेंगे सारे
आ जा राधे आजा तोहे श्याम पुकारे