सच्ची बातें बताने में - The Indic Lyrics Database

सच्ची बातें बताने में

गीतकार - सरस्वती कुमार दीपक | गायक - गीता | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - अदा | वर्ष - 1951

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सच्ची बातें बताने में कैसी शरम
हुए मेरे बलम हुए मेरे बलम
मेरा मन है मगन मुझे किस बात का ग़म
हुए मेरे बलम हुए मेरे बलम
ग़ैर उनको बहुत बहकाते रहे
अपनी झूठी अदाएँ दिखाते रहे
तोड़ उनका भरम ऐ मेरे सनम
हुए मेरे बलम हुए मेरे बलम
चर दिन गिन ही दुनिया में प्रीतम रहे
उनके लाखों सितम कभी मैं ने सहे
आज रोते हैं वो और हँस्ते है हम
हुए मेरे बलम हुए मेरे बलम
कभी आँखें उठा के चलते थे जो
आज नज़रें झूकाये यहाँ बैठे हैं वो
उनके हालत पे आता है हम को रहम
हुए मेरे बलम हुए मेरे बलम$