शाम रंगीन हुई है, तेरे आंचल की तरह - The Indic Lyrics Database

शाम रंगीन हुई है, तेरे आंचल की तरह

गीतकार - Nil | गायक - उषा मंगेशकर - सुरेश वाडकर | संगीत - सी. अर्जुन | फ़िल्म - कानून और मुजरीम | वर्ष - 1981

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शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह
सुरमई रंग सजा है तेरे काजल की तरह
पास हो तुम मेरे दिलके मेरे आँचल की तरह
मेरी आँखों में बसे हो मेरे काजल की तरह
आसमां है मेरे अरमानोंका दर्पण जैसे
दिल यूँ धड़के मेरा, खनके तेरे कंगन जैसे
मस्त आज हवाएं मेरी पायल की तरह
मेरी हस्ती पे कभी यूँ कोई छाया ही ना था
तेरे नज़दीक मैं पहले कभी आया ही ना था
मैं हूँ धरती की तरह, तुम किसी बादल की तरह
ऐसी रंगीन मुलाक़ात का मतलब क्या है
इन छलकते हुए जज़बात का मतलब क्या है
आज हर दर्द भूला दो किसी पागल की तरह