छेडो ना मेरी जुल्फें सब लोग क्या कहेंगे - The Indic Lyrics Database

छेडो ना मेरी जुल्फें सब लोग क्या कहेंगे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता - किशोर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - गंगा की लहरें | वर्ष - 1964

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छेड़ो ना मेरी जुल्फे, सब लोग क्या कहेंगे
हमको दीवाना तुमको काली घटा कहेंगे
आती है शर्म हमको, रोको ये प्यारी बातें
जो तुमको जानते हैं, वो जानते हैं तुम्हारी बातें
तुम कह लो शर्म इसको, हम तो अदा कहेंगे
मैं प्यार हूँ तुम्हारा, मेरा सलाम ले लो
तुम इस को प्यार समझो, तुम इसको चाहत का नाम दे लो
लेकिन जमानेवाले इसको खता कहेंगे
तोबा तेरी नज़र के मस्ती भरें इशारे
देखेंगे हमको तुमको, तो मुस्कुराके ये सब नज़ारे
उल्फ़त में दो दिलों को बहका हुआ कहेंगे