गोरी गोरी बाली उमर मेरी तंग हो गइ - The Indic Lyrics Database

गोरी गोरी बाली उमर मेरी तंग हो गइ

गीतकार - सुनील झा, एके व्यास | गायक - सुनिधि चौहान | संगीत - सुनील झा | फ़िल्म - 2 अक्टूबर | वर्ष - 2003

View in Roman

को : गोरी गोरी ओ गोरी बाँकी छोरी -२
सु : बाली उमर मेरी तंग हो गई -४
बन-ठन के निकली बजरिया में
ओ बन-ठन के निकली बजरिया में
दीवानों में जंग हो गई ) -२
को : गोरी गोरी ओ गोरी बाँकी छोरीया हू -२सु : हर निगाहें करें छेड़खानी
हर कोई चाहे मेरा दिल निशानी
ओ हर निगाहें करें छेड़खानी
हर कोई चाहे मेरा दिल निशानी
दिल मेरा ना जाने लाखों हैं मेरे दीवाने ऐसे दे किसे दूँ बता
पहले थी
पहले थी डोरी अब पतंग हो गई -२
बन-ठन के निकली बजरिया में
हो बन-ठन के निकली बजरिया में
दीवानों में जंग हो गई
को : गोरी गोरी ओ गोरी बाँकी छोरीसु : जिस पे भी मैं लगाऊँ निशाना
एक पल में बनाऊँ दीवाना
हो ओ हो जिस पे भी मैं लगाऊँ निशाना
एक पल में बनाऊँ दीवाना
नज़रों से जब तीर चले अच्छे-अच्छों पे भीर पड़ी है ऐसी मेरी अदा
मैं तो हर
मैं हर दिलों की पसन्द हो गई -२
बन-ठन के निकली बजरिया में
हो बन-ठन के निकली बजरिया में
दीवानों में जंग हो गई
को : गोरी गोरी ओ गोरी बाँकी छोरीसु : बाली उमर मेरी तंग हो गई -२
बन-ठन के निकली बजरिया में
दीवानों में जंग हो गई
को : गोरी गोरी ओ गोरी बाँकी छोरी -३