गीतकार - साहिर | गायक - तलत | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - अंगारे | वर्ष - 1954
View in Romanडूब गए आकाश के तारे, जाके न तुम आए
तकते तकते नैना हारे, जाके न तुम आए
डूब गई बागों से बहारें, फैल गए पतझड़ के साए
लेकिन तुमको अपने वादे, भूले से भी याद न आए
डूब गए ...
बहते बहते चाँद की कश्ती, दूर गगन में खोने लगी
आस की एक नन्ही सी किरण थी, वोह भी ओझल होने लगी
डूर गए ...$