रुत नई नई बड़ी सुहानी - The Indic Lyrics Database

रुत नई नई बड़ी सुहानी

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - राजाजी | वर्ष - 1999

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रुत नई नई बड़ी सुहानी ओ हो हो
तन जले गले मेरी जवानी हां हां हां
आँखों में प्यास है मौसम भी खास है दिलबर भी पास है
हां रुत नई नई ...दीवाने दिलबर आ अधरों को छू ज़रा
साँसों में गर्मियां यौवन है मदभरा
यार मेरे भीगे भीगे गालों का तू रस ले
टूटने लगा बदन बाहों में तू कस ले
आँखों में प्यास है ...मैं तुझमें खो गया दीवाना हो गया
पहलू में प्यार के पल दो पल सो गया
देख तो दीवानी मेरी साँसों में सिमट के
चूम ले मुझे मेरी पनाहों में लिपट के
आँखों में प्यास है ...तन जले गले तेरी जवानी ओ हो हो