आज चाहे होठ सी दो कात दो चाहे ज़बान - The Indic Lyrics Database

आज चाहे होठ सी दो कात दो चाहे ज़बान

गीतकार - नूर देवासी | गायक - रूना लैला | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - रूना लैला के प्यार (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1987

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हे हे
आज चाहे होंठ सी दो काट दो चाहे ज़बाँ
कल ज़माना ख़ुद ही दोहरायेगा मेरी दास्ताँमैं रहूँ या ना रहूँ चर्चे रहेंगे प्यार के
जोश फिर भी कम न होंगे मुझे दिल-ए-बीमर के
बन के गुल महकेंगे देखो घाव भी तलवार के
मौत भी गहना बनेगी ज़िंदगी होगी जवाँये जुनून-ए-इश्क़ है इसका नशा उतरेगा क्या
राह-ए-दिल से कारवाँ अब दूसरा गुज़रेगा क्या
इश्क़ से यारी न हो तो हुस्न फिर निखरेगा क्या
जानती है ये ज़मीं और जानता है आसमाँ