सच बता तू मुझ पे फ़िदा - The Indic Lyrics Database

सच बता तू मुझ पे फ़िदा

गीतकार - साहिर | गायक - आशा, तलत | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - सोने की चिड़िया | वर्ष - 1958

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सच बता तू मुझ पे फ़िदा, अरे, क्यूँ हुआ और कैसे हुआ
मार गई तेरी बाँकी अदा यूँ हुआ और ऐसे हुआ
सच बता तु मुझ पे फ़िदा
नाज़नीं मैं ही नहीं हैं यहाँ लाखों हसीं
मुझसे ही तुझे प्यार क्यूँ हुआ
दिल पे नज़रों का वार क्यूँ हुआ
मार गई तेरी बाँकी अदा
साँवली सूरत तेरी, मोहनी मूरत तेरी
तेरी धुन मुझे बे-सबब नहीं
और जलवों मे ये ग़ज़ब नहीं
मार गई तेरी बाँकी अदा
शुकरिया, ऐ मेहरबाँ, मिल गये मुझे दो जहाँ
बेसहरा थि तुम नहीं मुझे
आज दुनिया का ग़म नहीं मुझे
सच बता तू मुझ पे फ़िदा, अरे, क्यूँ हुआ और कैसे हुआ
मार गई तेरी बाँकी अदा यूँ हुआ और ऐसे हुआ$