जीता हुं जिसके लिये जिसके लिये मरता हुं - The Indic Lyrics Database

जीता हुं जिसके लिये जिसके लिये मरता हुं

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - दिलवाले | वर्ष - 1994

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सानू : हो हो हो हो
हो हो
हो हो ओह ओह
हो आह हा हाजीता हूँ जिसके लिये, जिसके लिये मरता हूँ (२)
बस तू ही वो लड़की है जिसे मैं प्यार करता हूँ (२)
जीता हूँ जिसके लिये, जिसके लिये मरता हूँ (२)
बस तू ही वो लड़की है जिसे मैं प्यार करता हूँ (२)सानू: तेरा ही चर्चा तेरी ही बातें
लब पे तेरा नाम है (२)अलका: दिलबर क़सम से, तेरे ही दम से
मेरी सुबह शाम है (२)सानू: हमारी वफ़ा के गवाह है ज़मीन आसमानअलका: बस तू ही वो लड़का है
जिसे में प्यार करती हूँसानू: बस तू ही वो लड़की है
जिसे में प्यार करता हूँअलका: मेरे बहाने, मेरी मोहब्बत
तू है मेरी आरज़ू (२)सानू: देखूँ जिसे में आँखों में भर के
है वोही ख्वाब तू (२)अलका: मैं कैसे जिऊंगी तेरे बिन
तू है मेरी जानसानू: बस तू ही वो लड़की है
जिसे में प्यार करता हूँअलका: बस तू ही वो लड़का है
जिसे में प्यार करती हूँअलका: जीती हूँ जिसके लिये
जिसके लिये मरती हूँ
बस तू ही वो लड़का है
जिसे में प्यार करती हूँसानू: बस तू ही वो लड़की हैअल्का: बस तू ही वो लड़का है
दोनो जिसे में प्यार