आशार पाठ्यक्रम हमाने मन के मेरे बादो - The Indic Lyrics Database

आशार पाठ्यक्रम हमाने मन के मेरे बादो

गीतकार - ग़ालिब | गायक - सुरैया | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - मिर्जा गालिब | वर्ष - 1954

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हमने माना के तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन
ख़ाक़ हो जायेंगे हम तुमको ख़बर होने तक
ख़ाक़ हो जायेंगे हमहुस्न-ए-ग़म है के सज़ा सज़ से छुटा मेरे बाद
बाकी आराम से हैं अहल-ए-जफ़ा मेरे बादशमा बुझती है उसमें से धुआँ उठता है
शोला-ए-इश्क़ सिया-पोश हुआ मेरे बादग़म से मरता हो के इतना नहीं दुनिया में कोई
क्यूँ करें ताजियत-मेहर-ओ-वफ़ा मेरे बादआये है दिलक़शी-ए-इश्क़ पे रोना ग़ालिब
इश्क़ घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद