के सरा सरा सरा - The Indic Lyrics Database

के सरा सरा सरा

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमुर्ती - शंकर महादेवन | संगीत - ए.आर.रहमान | फ़िल्म - पुकार | वर्ष - 2000

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नौजवानों बात मानो
कभी किसी से ना प्यार करना
हे के सरा सरा सरा
जो भी हो सो हो
हमें प्यार का हो आसरा
फिर चाहे जो हो
प्यार ज़िन्दगी, प्यार हर ख़ुशी
प्यार जिसने पाया है
वही दिल फूल जैसा खिला
प्यार गलती है, प्यार धोखा है
प्यार ढलती छाया है
देखो फिर ना करना गिला
प्यार ही धड़कनों की कहानी है
प्यार है हसीन दास्तां
प्यार अश्क़ों की देता निशानी है
प्यार में है चैन कहाँ
प्यार की बात जिसने ना मानी है
उसकी ना तो ज़मीन है ना है आसमां
प्यार जैसे है पूरब-पश्चिम
प्यार है उत्तर-दक्षिण
यहाँ है प्यार ही हर दिशा
प्यार रोग है, प्यार दर्द है
प्यार तोड़े दिल एक दिन
यही है प्यार का सिलसिला
प्यार से ही तो रंगीन जीवन है
प्यार से ही दिल है जवान
प्यार काँटों का जैसे कोई बन है
प्यार से ही ग़म का समा
प्यार से जाने क्यों तुमको उलझन है
प्यार तो सारी दुनिया पे है मेहरबान