लडाका मैं गरीब का कहते हैं सब मुझको शूरावीर - The Indic Lyrics Database

लडाका मैं गरीब का कहते हैं सब मुझको शूरावीर

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - शूरवीर | वर्ष - 1988

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लड़का मैं गरीब का दिल का हूँ अमीर
खून से लिखता हूँ मैं दुनिया की तक़दीर
इसीलिए तो कहते हैं सब मुझको शूरवीर
लड़का मैं गरीब का ...वो दिल ही क्या जिसमें कोई तूफ़ान नहीं
गैरत जो अपनी बेच दे इंसान ही नहीं
फिरता हूँ अपने सर से बांधे हुए कफ़न
तोड़ देता हूँ निगाहों से मैं लोहे की ज़ंजीर
इसीलिए तो कहते हैं ...दुनिया में मत किसी की भी पूंजी चुरा के जी
कुछ काम कर दीवाने पसीना बहा के जी
सीख ले मुझसे दुनिया में तू जीने की अदा
राजाओं की शान है लेकिन लगता हूँ फ़कीर
इसीलिए तो कहते हैं ...लिखा है क्या नसीब में किसको ये पता
किस्मत पे अपनी जिसने भरोसा किया मेरा
किस्मत बनाने वाले ने ये भी तो है कहा
दो रोटी के वास्ते घरती का सीना चीर
इसीलिए तो कहते हैं ...