हम पंछी मसाताने एक ही धुन हैं - The Indic Lyrics Database

हम पंछी मसाताने एक ही धुन हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - गीता दत्त, लता मंगेशकर, सीता | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - देख कबीरा रोया | वर्ष - 1957

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को : हम पन्छी मसताने -२
ल : एक ही धुन है
गी : एक ही मन्ज़िल
दो : प्यार के हम दीवाने
हम पन्छी मसताने -२ल : ( धरती को छोड़ कर पीछे
बादल के पार जाना है ) -२
गी :चुन-चुन के शोख़ तारों को
एक आशियाँ बनाना है
ल : एक लगन है
गी : एक ही मस्ती
को : इक जैसे अफ़साने
हम पन्छी मसताने -२ल : ( दिल की लगी ये कहती है
रुकने का नाम मत लेना ) -२
गी : तूफ़ान रे (?) सितारों के
छुपने का नाम ना लेना
ल : प्यार शमा है
गी : हम दिलवाले
को : उसी के हैं परवाने
हम पन्छी मसताने -२ल : ( इक साथ चल पड़े हैं तो
मन्ज़िल को ढूँढ ही लेंगे ) -२
गी : जिस दिल में घर बनाना है
उस दिल को ढूँढ ही लेंगे
को : हम अलबेले
आज चले हैं
दुनिया नई बसानेहम पन्छी मसताने -२
एक ही धुन है
एक ही मन्ज़िल
प्यार के हम दीवाने
हम पन्छी मसताने -२