कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी - The Indic Lyrics Database

कौन आया के निगाहों में चमक जाग उठी

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - वक्त | वर्ष - 1965

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कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी
दिल के सोए हुए तारों में खनक जाग उठी
किसके आने की खबर लेके हवाएँ आई
जिस्म से फूल चटकने की सदाएँ आई
रूह खिलने लगी, साँसों में महक जाग उठी
किसने ये मेरी तरफ देख के बाँहें खोली
शोख़ जज़बात ने सीने में निगाहें खोली
होंठ तपने लगे, ज़ुल्फों में लचक जाग उठी
किस के हाथों ने मेरे हाथों से कुछ माँगा है
किस के ख़्वाबों ने मेरी रातों से कुछ माँगा है
साज़ बजने लगे, आँचल में धनक जाग उठी